मोक्ष प्राप्ति का द्वार खोलता है पारद शिवलिंग।
इससे शिवलिंग की पूजा का महत्व कहीं ज्यादा बढ़ जाता है. याद रहे कि अगर घर में शिवलिंग है, तो उसे पूजें जरूर, शोपीस बनाकर न रखें. इसे शिवलिंग का अपमान माना जाता है. ऐसे करने से घर पर कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं.
स्फटिक एक प्राकृतिक क्रिस्टल है, जो अपनी शुद्धता और चमक के लिए जाना जाता है। स्फटिक शिवलिंग भी उतना ही शुभ और पूजनीय माना जाता है, जितना पारद शिवलिंग। आइए जानें इसकी महिमा को:
ज्या घरात पारद शिवलिंग असेल तेथे धन धान्य, आरोग्य ,पद प्रतिष्ठा , सुख , भरभराटीचे असते.
जर तुम्ही पारद शिवलिंगाची पूजेजा केली तर तुम्हाला कोट्यवधी शिवलिंगांची पूजा केल्याने मिळणारे फळ मिळते अशी मान्यता आहे.
पारा इस धरती पर तरल रूप में प्राप्त होता है और पारा प्राकृतिक रूप से काफी जहरीला भी होता है।
साथ ही माँ लक्ष्मी और कुबेर देव को प्रसन्न करने के लिए ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः’ मंत्र का पाठ करें।
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ग्रामीण तंत्र शिव को प्रसन्न करने की तांत्रिक क्रिया : शिव उपासना
शिवजी के प्रिय सावन माह के कुछ ही दिन शेष हैं। इस माह में पारद शिवलिंग की विशेष पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं.
उसके बाद शिवलिंग पर हल्दी और चंदन का तिलक लगाएं
पारद श्री यंत्र की स्थापना से पूर्व श्री यंत्र मन्त्र “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नम:” और “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्री ॐ click here महालक्ष्म्यै नम:” का जाप करें।
जहरीला होने के कारण पारे को अष्ट संस्कार करके ही शिवलिंग निर्माण किया जाता है